मुझको ही कुछ कर जाना है,
कुछ नाम मुझको ही कमाना है,
इस दुनिया की भीड़ में मुझको ही एक पहचान बनानी है,
एक सपना है मेरा ही जो मुझको ही पूरा करना है,
इतना भी आसान नहीं है मुझको यही मालूम है,
हिम्मत का दामन थामा है मुझको ही इसे पाना है,
धूप छाँव को भूल कर दिन और रात में डूब कर मुझको ही इसे सजाना है,
जाने अनजाने में हर गम को पीछे कर मुझको ही आज लड़ जाना है,
देख सामने मंज़िल है मुझको ही उसे पाना है,
अब बस कुछ ही दूर किनारा है किश्ती का मुझको ही पार लगाना है,
मुझको ही कुछ कर जाना है,
कुछ नाम मुझको ही कमाना है।।
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