
रेत की तरह, हाथ से फिसल गया वक़्त हम बदले न बदले, पर बदल गया वक़्त गलतियों से अपनी, पाया है तजुर्बा हम संभले, और संभल गया वक़्त जैसे जैसे हम बड़े होते गए धीरे धीरे निकल गया वक़्त यारों संग कुल्हड़ में, ज़िन्दादिल थी चाय बहला गयी दिल, और बहल गया वक़्त कभी मिलाया, […]
हाथ से फिसल गया वक़्त
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